संतकबीरनगर। जिला कृषि अधिकारी पी0सी0 विश्वकर्मा ने समस्त किसानो को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि रबी में उगाई जाने वाली फसलों-गेहूॅ, राई/सरसों, मटर, चना, मसूर, आलू में लगने वाले खरपातवार, कीट/रोग से बचाव के दृष्टिगत खरपातवार नाशक एवं विभिन्न रोग/कीटनाशक दवाओं का सुझाव दिया है। उन्होंने बताया कि गेहॅू में सकरी एवं चौड़ी पत्ती के खरपतवारों के नियंत्रण हेतु सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रतिशत डब्लू0पी0$मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 05 प्रतिशत डब्लू0पी0 की 40 ग्राम 2.5 यूनिट अथवा सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रतिशत डब्लू0पी0 की 33 ग्राम मात्रा की 300-400 लीटर पानी में घोलकर प्रति हे0 की दर से छिड़काव करें। राई/सरसों में अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा, सफेद गेरूई एवं तुलासिता रोंग के नियंत्रण हेतु मैकोजेब 75 प्रतिशत डब्लू0पी0 अथवा जिनेब 75 प्रतिशत डब्लू0पी0 की 2.00 किग्रा0 अथवा मेटालेक्सिल 8 प्रतिशत$मैकोजेब 64 प्रतिशत डब्लू0पी0 की 2.5 किग्रा0 मात्रा की प्रति हे0 की दर से 600-700 ली0 पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। चना/मटर/मसूर में कटुआ कीट (सेमीलूपर) इस कीट के रासायनिक नियत्रंण हेतु क्यूनॉलफास 25 प्रतिशत ई0सी0 अथवा क्लोरोपायरीफास 20 प्रतिशत ई0सी0 की 2.5 लीटर मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हे0 की दर से छिड़काव करें तथा आलू में अगेती झुलसा के नियंत्रण हेतु मैकोजेब 75 प्रतिशत डब्लू0पी0 2.5 किग्रा0 अथवा कॉपरआक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत डब्लू0पी0 की 2.5-3.00 किग्रा0 मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 800 लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें।