(संतकबीरनगर)। मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरियावां परिसर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एएनएम, आशा, आशा संगिनी का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इस दौरान मानसिक रोग से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। सेमरियावां स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में मंगलवार को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान नेशनल इन्टर कालेज मूड़ाडिहाबेग के प्रधानाचार्य मुजीबुल्लाह ने कहा कि मानसिक रोग के लक्षण, कारण, उपचार के बारे में चिकित्सकों ने जो विचार रखे हैं। इस रोग की गंभीरता को देखते हुए हम सभी को मिलकर लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। डा. कुमार सिद्धार्थ ने कहा कि मानसिक रोग का सामान्य लक्षण उदास रहना है। दोस्तों, परिवार आदि से अलग रहना, मूड का बार बार बदलना हालांकि गर्भावस्था या मासिक धर्म में मूड का बदलना स्वाभाविक है लेकिन अगर यह समस्या काफी बार होने लगती है तो यह मानसिक रोग है। कुछ लोग अचानक से गुस्सा करने लगते हैं या हंसने लगते हैं इसे असामान्य बर्ताव करना कहते हैं, घबराहट या डर लगना आदि लक्षण अगर किसी व्यक्ति में मिलते हैं तो यह मानसिक रोग के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण अगर मिलते हैं तो डाक्टर से मिलें। तमांगी मणि शुक्ला ने कहा कि पारिवारिक माहौल का सही न होना, सिर पर चोट लगना, बचपन में किसी दुर्घटना का शिकार होना, अपौष्टिक भोजन करना आदि मानसिक रोग के कारण हो सकते हैं। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सतीश गौड़, डा. हिमांशु, राम सागर चैधरी, राम पुरूषोत्तम गुप्ता, संतराम वरूण, बीपीएम राजेश कुमार पाण्डेय, बीएएम राजेश कुमार पाण्डेय, अंगद सिंह, देवचन्द्र श्रीवास्तव, अमरेंद्र आनन्द, हरिओम सिंह, डा. सुशील कुमार, रेनू लोधी, रंजना, राजकुमार, सुधीर कुमार, अबुल कलाम, अंजलि, विद्यावती सिंह, उमा चैधरी, वसीम गनी सिद्दीकी, संजू, सुन्दरी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
(संतकबीरनगर)। मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरियावां परिसर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एएनएम, आशा, आशा संगिनी का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इस दौरान मानसिक रोग से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। सेमरियावां स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में मंगलवार को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान नेशनल इन्टर कालेज मूड़ाडिहाबेग के प्रधानाचार्य मुजीबुल्लाह ने कहा कि मानसिक रोग के लक्षण, कारण, उपचार के बारे में चिकित्सकों ने जो विचार रखे हैं। इस रोग की गंभीरता को देखते हुए हम सभी को मिलकर लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। डा. कुमार सिद्धार्थ ने कहा कि मानसिक रोग का सामान्य लक्षण उदास रहना है। दोस्तों, परिवार आदि से अलग रहना, मूड का बार बार बदलना हालांकि गर्भावस्था या मासिक धर्म में मूड का बदलना स्वाभाविक है लेकिन अगर यह समस्या काफी बार होने लगती है तो यह मानसिक रोग है। कुछ लोग अचानक से गुस्सा करने लगते हैं या हंसने लगते हैं इसे असामान्य बर्ताव करना कहते हैं, घबराहट या डर लगना आदि लक्षण अगर किसी व्यक्ति में मिलते हैं तो यह मानसिक रोग के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण अगर मिलते हैं तो डाक्टर से मिलें। तमांगी मणि शुक्ला ने कहा कि पारिवारिक माहौल का सही न होना, सिर पर चोट लगना, बचपन में किसी दुर्घटना का शिकार होना, अपौष्टिक भोजन करना आदि मानसिक रोग के कारण हो सकते हैं। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सतीश गौड़, डा. हिमांशु, राम सागर चैधरी, राम पुरूषोत्तम गुप्ता, संतराम वरूण, बीपीएम राजेश कुमार पाण्डेय, बीएएम राजेश कुमार पाण्डेय, अंगद सिंह, देवचन्द्र श्रीवास्तव, अमरेंद्र आनन्द, हरिओम सिंह, डा. सुशील कुमार, रेनू लोधी, रंजना, राजकुमार, सुधीर कुमार, अबुल कलाम, अंजलि, विद्यावती सिंह, उमा चैधरी, वसीम गनी सिद्दीकी, संजू, सुन्दरी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।