संतकबीरनगर। आशा संगिनी सरोज यादव के मोबाइल पर एक आशा कार्यकर्ता का फोन आया ‘‘दीदी हमारे गांव में एक आदमी मुम्बई से आया हुआ है, उसके घर के लोग उसको छिपा रहे हैं। रात में धीरे से आया है। पूछने पर लोग झगड़ा करने पर उतारु हैं। उसकी जांच भी नहीं हुई है। क्या करें...। ’’ आशा संगिनी सरोज यादव जबाब देती हैं कि परेशान होने की जरुरत नहीं है, उनके परिवार को अच्छी तरह से समझाओ की जांच करवा लें, साथ ही उनको होम कोरंटाइन करवा दो। इसके बाद आशा उक्त व्यक्ति के घर जाकर उनको प्रधान के सहयोग से समझाती हैं, नतीजा होता है कि आए हुए व्यक्ति की जांच भी होती है और वह व्यक्ति होम क्वारंटाइन भी हो जाता है। हम बात कर रहे हैं खलीलाबाद ब्लाक के खलीलाबाद मुख्य और गिरधरपुर स्वास्थ्य उपकेन्द्र इकाई के 23 गांवों की, जाहिदा, किरन, मीना, प्रियंका, प्रमिला, गुड्डी, सुभावती, उर्मिला, सुनीता, संयोगिता, गीता, इन्द्रावती, मीरा, अनीता, कंचन, सहोदरा, रीता, मीरा विन्दू , सुभद्रा जिनमें कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को संगठित करके बेहतर समन्वय से आशा संगिनी सरोज यादव ने अपने पूरे क्षेत्र को हॉट स्पॉट बनने से बचाया। यह क्षेत्र सघन बस्ती वाला क्षेत्र है तथा इसके बगल में ही कोरोना हॉट स्पॉट मगहर भी मौजूद है लेकिन इस क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं ने जिस समन्वय से काम किया वह एक मिशाल है। आशा संगिनी सरोज यादव ने अपने कार्यक्षेत्र में आने वाली सभी आशा कार्यकर्ताओं का एक वाट्सअप ग्रुप भी बनाया है। इस ग्रुप पर सभी अपने अपने संदेश सुबह से ही भेजना शुरु कर देती हैं। गांव में कौन नया आया, किसको बुखार हुआ है, कौन सा प्रवासी होम क्वारंटाइन का पालन नहीं कर रहा है, किसकी जांच हुई है, किसकी जांच नहीं हुई है। यह सारी बातें ग्रुप में आती हैं। इन सारी सूचनाओं को एकत्र करके खलीलाबाद ब्लाक के बीसीपीएम के पास भेजा जाता है। वह सारी सूचनाओं को एप में फीड करके जहां जरुरत होती है वहां पर टीमों को भेजते हैं। कोविड की शुरुआत से ही आशा कार्यकर्ताओं का यह ग्रुप सक्रिय हो गया था। सघन आबादी और अधिकतर प्रवासी होने के बावजूद अभी तक इस क्षेत्र में कोई हॉट स्पॉट नहीं बना है, जबकि अगल बगल मगहर और कोनी जैसे हॉट स्पॉट मौजूद हैं। खलीलाबाद ब्लाक क्षेत्र के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 वी0पी0 पाण्डेय कहते हैं कि इन आशा कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 के दौरान कार्यकुशलता का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। समय समय पर मांगी गई आवश्यक सूचनाओं को देने में कभी लापरवाही नहीं की है। हाईवे पर जाने से रोकती थीं लोगों को इस सघन क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति यह है कि 5 किलोमीटर का एरिया हाईवे व 7 किलोमीटर का एरिया स्टेट हाईवे पर स्थित है। इस क्षेत्र में भारी संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल, साइकिल व अन्य वाहनों से जा रहे थे।