ठण्ड को देखते हुए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, अधिशाषी अभियन्ता व थानाध्यक्ष को दिये निर्देश
संतकबीरनगर। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने जनपद के समस्त उपजिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी एवं थानाध्यक्षो को ठण्ड के मद्देनजर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए उनके आदेशो का अक्षरशः पालन किये जाने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी द्वारा दिये गये आदेश में कहा गया है कि ठण्ड का मौसम आ गया है शीघ्र ही रात्रिकालीन तापमान बहुत ही नीचे जाने की सम्भावना है ऐसे परिस्थिति में समस्त उपजिलाधिकारी अपनी-अपनी तहसील के ऐसे लोगों को चिन्हित करवा लें जिन्हें कंबल बांटे जाने की आवश्यकता है। यह सूची किसी भी दशा में 10 दिसम्बर तक तैयार रहे ताकि वितरण प्रभाव रूप से सुनिश्चित किया जा सके। अपने क्षेत्र (नगरीय/ग्रामीण) में ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित कर ले जो सच में बिल्कुल ही आवासहीन है अर्थात जिनके पास अपनी झोपड़ी भी नही है एवं उनकी मजबूरी है कि खुले में सोये। इनमें से शहरी क्षेत्र के लोगों को सम्बन्धित नगर पंचायत के रैन बसेरो में भेजे। यदि ग्राम स्तर पर ऐसा कोई प्रकरण है तो उसे अवश्य ही ग्राम पंचायत के किसी भी भवन (पंचायत घर/ग्राम सचिवालय) में रात्रि मात्र में सोने का प्रबन्ध सम्बन्धित ग्रात प्रधान सम्पर्क करके करा दिया जाय। यह सुनिश्चित कर लें कि कोई व्यक्ति कही खुले में सोता हुआ न पाया जायें। यदि आश्रय के अभाव में खुले में सोने से किसी की मृत्यु होती है तो सम्बन्धित क्षेत्र के राजस्व पुलिस एवं विकास/नगरीय कर्मी को संयुक्त रूप से उत्तरदायी माना जायेगा। सम्बन्धित ग्राम प्रधान को भी अपने दायित्व को पूर्ण करने में अक्षम मानते हुए कार्यवाही की जायेगी। अलाव बिन्दुओं को चिन्हांकन कर ले एवं सुनिश्चित करे कि वहां अलाव जले। वाॅट्सअप के माध्यम के समस्त बिन्दुओं पर अलाव जलने की समीक्षा कर ले एवं औचक भौतिक सत्यापन भी करें। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने नगर पालिका एवं नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारियो को निर्देश दिया है कि अपने-अपने रैन बसेरों को दुरूस्त कर लें। अपने सम्बन्धित पुलिस चैकी प्रभारियों के साथ रात्रि भ्रमण करें एवं सुनिश्चित करें कि कोई रोड पर ना सोए। उन्होने जनपद के समस्त खण्ड विकास अधिकारियो को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित कर ले कि ग्राम के समस्त अन्तयोदय कार्ड धारक/आवास हेतु पात्र पाए गए लाभार्थी, जिन्हे आवास नही दिया गया है, उनके वर्तमान झोपड़ी में, यदि ठण्ड में रहने में समस्या हो तो उन्हे मात्र रात्रि के लिए ग्राम पंचायत की सम्पत्ति में रहने दिया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित कर ले कि उन्हे मनरेगा में कार्य मिलता रहे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करवा ले कि कोटेदार द्वारा सभी अन्तयोदय धारक को राशन/तेल दिया जा रहा है। उन्होने निर्देश दिया है कि ग्राम समिति एवं प्रधान की वैयक्तिक दायित्व भी इसमें शामिल होगा।