संतकबीरनगर। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने कहा कि स्वंय सहायता समूह को बढ़ावा देने में जनपद के राष्ट्रीयकृत बैंक सहित सभी बैंक अपना बेहतर योगदान प्रदान करें। बैंक अधिकारी ऐसा कार्य करें जिससे उनकी प्रशंसा चारो तरफ हो। श्री गुप्ता शुक्रवार को नाबार्ड द्वारा आयोजित एस.एच.जी/जे.एल.जी. बैंकर्स संवेदीकरण कार्यक्रम एवं नाबार्ड स्टैंड अप इण्डिया, ओ.डी.ओ.पी. व अन्य शासकीय योजनाओ पर कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न बैंको के अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए उक्त बातें कही। उन्होने कहा कि यह जरूरी नही कि बैंक से ऋण लेने वाला हर व्यक्ति गलत हो गलत रहने वाले व्यक्ति को भी दूसरे तरीके से सुधारा जा सकता है। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रो में उद्योग को बढ़ावा देने में भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार संकल्पित है और उनके निर्देशो का अक्षरशः पालन सभी को करना है। बैंको से आम जनमानस को बड़ी आपेक्षाये होती है उस विश्वास को टूटने न पाये उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। विश्वसनीयता ही बैंक की प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि बैंक दायित्वो का निर्वहन अच्छे से करें व्यवस्थाये परिवर्तन हो रहा है और इसमें सभी के सहयोग की आपेक्षा है जिससे जनपद का नाम रौशन हो और बेहतर परिणाम मिले। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी बब्बन उपाध्याय ने कहा कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार की सभी योजनाए बैंको के माध्यम से लाभार्थी को मिल रहा है जिनमें 60 प्रतिशत योगदान बैंक का है। शेष 40 प्रतिशत कार्य प्रशासन का होता है दोनो के तालमेल से योजनाओ का क्रियान्वयन सही ढंग से किया जा सकता है। इसमें सभी के सहयोग के साथ सक्रिय भूमिका होना चाहिए। पीडी डीआरडीए प्रमोद यादव ने जिलाधिकारी सहित कार्यशाला में उपस्थित सभी को जानकारी देते हुए बताया कि नाबार्ड के माध्यम से स्वंय सहायता समूह को बढ़ावा देने में खलीलाबाद एवं सेमरियावा ब्लाक में अच्छा कार्य रहा। उन्होने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था कार्य योजनाओ को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील है। कार्यक्रम का संचालन नाबार्ड की जिला प्रबन्धक मनीष शरण ने करते हुए बैंक अधिकारियो को भारतीय रिजर्व बैंक के आदेशो से अवगत कराया। उन्होने कहा कि महिलाओ को जागरूक करना होगा। कई ऐसे छोटे उद्योग है जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओ एवं ग्रामवासियो के आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ किया जा सकता है। लीड बैंक मैनेजर गिरीश चन्द्र ने कहा कि लीड बैंक की योजना 1969 में लागू हुआ क्रेडिट प्लान तैयार किया गया। नाबार्ड पीएलपी योजना है। कृषि एवं उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। बैंको का कार्य अच्छा है और बेहतर करने की आवश्यकता है। कोई भी बैंक किसी भी खाताधारक को अनावश्यक परेशान न करें यह प्राथमिकता बैंक अधिकारी/बैंक कर्मी की होनी चाहिए। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित करके किया गया। इस अवसर पर एफएलसीएल कृष्ण मोहन चन्द्र, आरएसईटीआई अख्तर हुसेन, इलाहाबाद बैंक से अजय कुमार, पूर्वाचल बैंक से प्रेम प्रकाश पाण्डेय, भारतीय स्टेट बैंक से अजय रंजन कुमार, यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया से मनीष वर्मा, आन्ध्रा बैंक से बिपिन कुमार सिंह, ओबीसी बैंक से राम कुमार श्रीवास्तव, इण्डियन ओवरसीज बैंक से जयशंकर प्रसाद, कारर्पोरेशन बैक से सतबीर सिंह, पंजाब एण्ड सिंध बैंक से मिथिलेश गुप्ता, सेन्ट्रल बैंक आॅफ इण्डिया से जी0डी0 चैधरी, यूको बैंक से दीपक कुमार, एचडीएफसी बैंक से मोहम्मद खालिद, पूर्वाचल बैंक से वी0पी0 मिश्रा, इण्डियन बैक से श्री भूषण शुक्ला, अजय प्रताप रावत, पीएनबी से धीरेन्द्र कुमार सहित विभिन्न बैंको के अधिकारी उपस्थित रहे।