सेमरियावां (संतकबीरनगर)। नौवे दिन मंदिरों में हुई मां सिद्धिदात्री की पूजा सोमवार को मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद मंदिरों और घरो में विधि विधान से हवन किये गये। इस दौरान श्रध्दालुओं ने माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की। नवरात्र के आखिरी दिन सोमवार को दुर्गा मंदिर और देवी पांडालो में मॉ के दर्शन करने और आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। देर रात तक श्रद्धालु मां के जयकारे के साथ भजन कीर्तन करते रहे। इससे पहले दिन में हवन पूजन किया गया और कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर पूजा गया। इसके बाद उन्हे भोजन कराकर दक्षिणा दिया गया। जनपद में स्थापित 650 दुर्गा प्रतिमाओं में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में देवी सप्तशती के पाठ के साथ चतुर्दिक बने आध्यात्मिक वातावरण में सोमवार को हवन पूजन हुआ। दुर्गा पांडालों में देेवी गीतों की मधुर ध्वनि भोर से सायंकाल तक गूंजती रही। खलीलाबाद की मां समय जी स्थान, बरदहिया की मां सिद्धिदात्री, उसका कलां की मां वनदेवी, लहुरादेवा की मां घोड़सारे वाली, कोपिया की मां समय जी, महुली कोट की माता, मेंहदावल की नगरवाली और बाराखाल वाली माता के स्थान पर देर रात तक सर्वाधिक भीड़ रही। समय जी स्थान पर श्रद्धालुओं ने नौ कन्याओं का पूजन कर उन्हें चुनरी अर्पित किए और भोजन कराने के बाद दक्षिणा दी। मां समय जी स्थान पर पवन कुमार गुप्त, मिल चैराहे पर श्रद्धालुओं ने नौ कन्याओं का पूजन कर प्रत्यक्ष देवी का आशीर्वाद लिया। सेमरियावा प्रतिनिधि के अनुसार शारदीय नवरात्र में महाष्टमी के मौके पर ग्रामीण क्षेत्रो में विभिन्न मंदिरों पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की विधि विधान से पूजा अर्चना की गयी। रविवार को क्षेत्र के गंगैचा स्थित शिव मंदिर पर युवा शक्ति क्लब के नेतृत्व में लगातार 9 वर्षों से हो रहे दूर्गा पूजा समारोह के आयोजन में श्रध्दालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही। इस दौरान मंदिर के पूजारीे पंडित सुरेंद्र नाथ मिश्रा व पंडित शेष राम चैधरी ने बताया कि नवरात्रि के आठवें दिन यानी कि महाअष्टमी को कन्या पूजन से पहले महागौरी की पूजा का विधान है महागौरी की पूजा अत्यंत कल्याणकारी और मंगलकारी है। मान्यता है कि सच्चे मन से अगर महागौरी को पूजा जाए तो सभी संचित पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्त को अलौकिक शक्तियां प्राप्त होती हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है। आठवें दिन मां महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की होती हैं अष्टमी और नवमी को मां की पूजा और हवन आदि का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से सालभर घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसलिए मां दुर्गा की नवरात्रि में पूजा काफी फलदायी माना जाता है। इस दौरान श्रध्दालु सिया राम कन्नौजिया, लाला चैधरी, कृष्ण कुमार, राम छैल, रमेश चैधरी, प्रदीप कन्नौजिया, राम सजीवन चैधरी, रमेश चैधरी, राधेश्याम चैधरी, राजमन चैधरी, विजय कुमार सिंह, सचिन कन्नौजिया, केशव राम आदि लोग मौजूद रहे। इसी क्रम में क्षेत्र के दशावां, टेकन्सा, लोहरौलो, पिपरा बोरिंग, भिटवा, मुड़ाडीहा बेग, सेमरियावां, बाघनगर आदि जगहो पर श्री गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती, दूर्गा आदि की स्थापित प्रतिमा को भव्य रूप देकर श्रध्दालुओं द्वारा पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की गयी।